kuch khaas to nahi...

नमस्कार जी, मैं हूं अंजू सिंह, अभी तक का बस मेरा परिचय इतना ही है। मेरा ब्लाग जैसे नाम से पता चल गया होगा ‘कुछ खास तो नहीं’ बस यही सच है। साधारण सोच के साथ लिखना शुरू किया है और साधारण सोच को शब्दों में बदलना चाहती हूं। सामाजिक और जनचेतना से जुड़े सवालों पर सवाल करना मुझे पसंद है। स्वभाव से कुछ कठोर और बातों से लचीली हूं, फिर भी सबकी सोच को सुनना मुझे रास आता है। अगर आप मेरे लेख को झेल पाएं तो मेरी लेखनी को दम मिलेगा और नहीं झेल पाए तो मुझे और साधारण रूप से लिखने का दम भरना पड़ेगा...

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09 अप्रैल, 2011

कुछ ख़ास तो नही...: गांधीवादी सोच में लिपटे अन्ना, नहीं ‘आसान पहेली’...

कुछ ख़ास तो नही...: गांधीवादी सोच में लिपटे अन्ना, नहीं ‘आसान पहेली’...
प्रस्तुतकर्ता Anju singh पर 11:19 am
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